तन्हाई में जब दर्द सबसे गहराई से महसूस होता है, तन्हाई की रातों में, दर्द की गहराइयों में खो जाता हूँ, “मैं तन्हा हूँ शायद इसलिए, क्यों की दिल नहीं भरोसा टूटा है।” मैं मज़बूत बहुत हूँ लेकिन कोई पत्थर तो नहीं हूँ !! कलीम आजिज़ टैग : ज़िंदगी शेयर https://youtu.be/Lug0ffByUck